110+ Best Rahat Indori Shayari in Hindi
Rahat Indori Shayari in Hindi: राहत इंदौरी, एक ऐसा नाम जो शायरी की दुनिया में अपनी अनोखी छाप छोड़ चुका है। अपनी बातों को न केवल खूबसूरत लफ्जों में पिरोने के लिए, बल्कि उन्हें दिल के गहरे एहसासों के साथ प्रस्तुत करने के लिए मशहूर हैं। उनकी शायरी में देश प्रेम, मोहब्बत, और जिंदगी की सच्चाइयों का जबरदस्त मिश्रण देखने को मिलता है।
आइए, उनकी कुछ बेहतरीन और भावनाओं से लबरेज शायरी को पढ़ते हैं, जो न सिर्फ हमें गहराई में ले जाती है, बल्कि हमारे दिलों में एक अनकही कसक भी छोड़ती है। राहत इंदौरी की शायरी में आने वाले हर अल्फाज़ में ऐसा जादू है जो श्रोता को मंत्रमुग्ध कर देता है।
Rahat Indori Shayari
ऐसी सर्दी है कि सूरज भी दुहाई मांगे
जो हो परदेस में वो किससे रज़ाई मांगे !
जुबान तो खोल नजर तो मिला जवाब
तो दे मैं कितनी बार लूटा हूं फैसला तो दे !
पसीने बांटता फिरता है हर तरफ सूरज
कभी जो हाथ लगा तो निचोड़ दूंगा उसे !
फूलो की दुकान खोले खुशबू का व्यापार करो
इश्क खाता है तो इसे एक बार नहीं सौ बार करो !
उस की याद आई है साँसो ज़रा आहिस्ता चलो
धड़कनों से भी इबादत में ख़लल पड़ता है !
Rahat Indori Shayari in Hindi
इश्क में पित्त का आने को काफ़ी हूं
मैं निहत्था ही जमाने के लिए काफ़ी हूं !
आँखों में पानी रखों, होंठो पे चिंगारी रखो
जिंदा रहना है तो तरकीबे बहुत सारी रखो !
दिलों में आग, लबों पर गुलाब रखते हैं
सब अपने चहेरों पर, दोहरी नकाब रखते हैं !
न हम-सफ़र न किसी हम नशीं से निकलेगा
हमारे पाँव का काँटा है हमीं से निकलेगा !
यूं तो हर फूल पर लिखा है की तोड़ो मत
दिल मचाता है तो कहता है छोड़ो मत !
Motivational Rahat Indori Shayari
राह में खतरे भी हैं लेकिन थहरता कौन है
मौत कल आती है आज आ जाए डरता कौन है !
कड़ी से कड़ी जोड़ते जाओ तो जंजीर बन जाती है
मेहनत पे मेहनत करते जाओ तो तकदीर बन जाती है !
मंजिल मिले न मिले ये तो मुकद्दर की बात है
हम कोशिश भी न करे ये तो गलत बात है !
हम भी दरिया हैं हमें अपना हुनर मालूम है
जिस तरफ भी चल पड़ेंगे रास्ता हो जाएगा !
शाख़ों से टूट जाएँ वो पत्ते नहीं हैं हम
आँधी से कोई कह दे कि औक़ात में रहे !
Rahat Indori Best Shayari
नहीं होते हो फिर भी होते हो तुम
ना जाने क्यूं हर वक्त महसूस होते हो तुम !
चराग़ों को उछाला जा रहा है
हवा पर रौब डाला जा रहा है !
हाथ खाली है तेरे शहर से जाते जाते
जान होती तो मेरी जान लुटाते जाते !
मैंने अपनी ख़ूबसूरत आँखों से लहू छिलका दिया
एक समुंदर कह रहा था मुझे पानी चाहिए !
मत पूछो शीशे से उसकी टूट जाने की वजह
उसने भी किसी पत्थर को अपना समझा होगा !
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Rahat Indori Love Shayari
आते जाते हैं कई रंग मेरे चेहरे पर
लोग लेते हैं मजा ज़िक्र तुम्हारा कर के !
फूँक डालूँगा किसी रोज़ मैं दिल की दुनिया
ये तेरा ख़त तो नहीं है कि जला भी न सकूँ !
नसीहतें न करो ऐ इश्क़ करने वालों
ये आग और भड़क जाएगी बुझाने से !
मैं आईनों से तो मायूस लौट आया था
मगर किसी ने बताया बहुत हसीं हूँ मैं !
कभी दिमाग कभी दिल कभी नजर में रहो
ये सब तुम्हारे ही घर हैं किसी भी घर में रहो डॉ !
Rahat Indori Ki Shayari
सूरज सितारे चाँद मेरे साथ में रहे
जब तक तुम्हारे हाथ मेरे हाथ में रहे !
किसने दस्तक दी, दिल पे, ये कौन है
आप तो अन्दर हैं, बाहर कौन है !
हर एक हर्फ़ का अंदाज़ बदल रखा हैं
आज से हमने तेरा नाम ग़ज़ल रखा हैं !
छू गया जब कभी ख़्याल तेरा
दिल मेरा देर तक धड़कता रहा
कल तेरा ज़िक्र छिड़ गया था घर
में घर देर तक महकता रहा !
आग के पास कभी मोम को लाकर देखू
हो इजाज़त तो तुझे हाथ लगाकर देखू
मन का मंदिर बड़ा वीरान नज़र आता है
सोचता हू तेरी तस्वीर लगा कर देखू !
Shayari Rahat Indori
ये हवाएं उड़ न जाएं ले के कागज का बदन
दोस्तो मुझ पर कोई पत्थर जरा भारी रखो !
मैं साँसें तक लुटा सकता हूँ उसके एक इशारे पर
मगर वो मेरे हर वादे को सरकारी समझता है !
मैं लाख कह दूं कि आकाश हूं जमीं हूं मैं
मगर उसे तो खबर है कि कुछ नहीं हूं !
तूफानों से आँख मिलाओ सैलाबों
पर वार करों मल्लाहों का चक्कर
छोड़ो तैर कर दरिया पार करों !
मौत को गले लगा कर जीना आता है
यूं ही नहीं साहब, पंछियो को तुफानी
को चीर कर उड़ना आता है !
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Bewafa Rahat Indori Shayari in Hindi
बेवफ़ा लोगो में रहना तेरी किस्मत ही सही
इन में शामिल मैं तेरा नाम न होने दूंगा !
आज उनसे हम अपना पसंदीदा तोहफा मांग रहे है
बेवफाओ से हम वफाओ का सिला मांग रहे है !
इश्क़ ए दरिया में हम डूब कर भी देख आये
वो लोग मुनाफे में रहे जो किनारे से लोट आये !
तेरी तरह बेवफ़ा निकले मेरे घर के आईने भी
खुद को देखु तो तेरी तस्वीर नज़र आती हे !
काश यादें भी तेरी तरह होती
तो बार बार आके यूँ ना सताती !
Rahat Indori Sad Shayari
फैसला जो कुछ भी हो, हमें मंजूर होना चाहिए
जंग हो या इश्क हो, भरपूर होना चाहिए !
अगर खिलाफ है होने दो जान थोड़ी है
ये सब धुँआ है कोई आसमान थोड़ी है
लगेगी आग तो आएंगे घर कई जद में
यहां पे सिर्फ हमारा मकान थोड़ी है !
ये हादसा तो किसी दिन गुजरने वाला था
मैं बच भी जाता तो एक रोज मरने वाला था !
बहुत ग़ुरूर है दरिया को अपने होने पर
जो मेरी प्यास से उलझे तो धज्जियाँ उड़ जाएँ !
जुबां तो खोल, नज़र तो मिला, जवाब तो दे
मैं कितनी बार लुटा हूँ, हिसाब तो दे !
Rahat Indori Shayari 2 Line
अंधे निकालने लगे हैं नुक्स मेरे क़िरदार में
बहरों की शिकायत है कि मैं ग़लत बोलता हूँ !
काम अब कोई न आएगा बस इक दिल के सिवा
रास्ते बंद हैं सब कूचा-ए-क़ातिल के सिवा !
लोग हर मोड़ पे रुक रुक के सँभलते क्यूँ हैं
इतना डरते हैं तो फिर घर से निकलते क्यूँ हैं !
दीवार क्या गिरी मिरे ख़स्ता मकान की
लोगों ने मेरे सेहन में रस्ते बना लिए !
सफ़र हालाँकि तेरे साथ अच्छा चल रहा है
बराबर से मगर एक और रास्ता चल रहा है !