Best 200+ Desh Bhakti Shayari in Hindi
देशभक्ति की भावना हमारे दिलों में एक अद्भुत शक्ति भरती है, जो हमें अपने देश के प्रति सम्मान और गर्व से ओत-प्रोत करती है। जब भी हम भारतीय नारी और पुरुषों की वीरता, उनके बलिदान और उनकी समर्पण की कहानियाँ सुनते हैं, हमारी रूह में एक नई ऊर्जा का संचार होता है। ज़मीन पर बिछे फूलों से लेकर आसमान में उड़ते परिंदों तक, हर चीज़ में हमें अपने देश की महक महसूस होती है। ऐसा लगता है मानो हर चीज़ कह रही हो, “मैं भारत हूँ।”
इस शायरी के माध्यम से, हम अपनी मातृभूमि के प्रति अपने जज़्बातों को शुद्ध शब्दों में पिरोने का प्रयास करेंगे। आइए, हम सब मिलकर उन वीरों को याद करें, जिन्होंने हमारे कल और आज के लिए अपने प्राणों की आहुति दी, और उन्हें दिल से श्रद्धांजलि अर्पित करें।
Desh Bhakti Shayari
जो देश के लिए शहीद हुए
उनको मेरा सलाम है
अपने खूं से जिस जमीं को सींचा
उन बहादुरों को सलाम है !
दुनिया में महकता हुआ चमन चाहता हूँ
शान्ति उन्नति से भरा गगन चाहता हूँ
जान जाए इसके खातिर कोई गम नहीं
बाद मरने के बस तिरंगा कफ़न चाहता हूँ !
दाबोगे अगर और उभर आयेगा भारत
हर वार पर कुछ और निखर जायेगा भारत
दस-बीस जाहिलों को ग़लतफ़हमी हुई है
दो-चार धमाको से ही डर जायेगा भारत !
देखा जो बुजुर्गो ने वो मंजर हैं तिरंगा
हर धर्म से हर जात से उपर हैं तिरंगा
मैं लोक तंत्र देश मेरा नाम हैं भारत
आजादी मेरी जाँ हैं, मेरा सर हैं तिरंगा !
हम अपने खून से लिक्खें कहानी ऐ वतन मेरे
करें कुर्बान हँस कर ये जवानी ऐ वतन मेरे
दिली ख्वाहिश नहीं कोई मगर ये इल्तिजा बस है
हमारे हौसले पा जायें मानी ऐ वतन मेरे !
15 August Desh Bhakti Shayari
दिल हमारे एक हैं एक ही है हमारी जान
हिंदुस्तान हमारा है हम हैं इसकी शान
जान लुटा देंगे वतन पे हो जायेंगे कुर्बान
इसलिए हम कहते हैं मेरा भारत महान !
गूँज रहा है दुनिया में भारत का नगारा
चमक रहा आसमान में देश का सितारा
आज़ादी के दिन आओ मिलके करें
दुआ की बुलंदी पर लहराता रहे तिरंगा हमारा !
जब आँख खुले तो धरती हिंदुस्तान की हो
जब आँख बंद हो तो धरती हिंदुस्तान की हो
हम मर भी जाए तो कोई गम नही लेकिन
मरते वक्त मिट्टी हिंदुस्तान की हो !
खूब बहती है अमन की गंगा बहने दो
मत फैलाओ देश में दंगा रहने दो
लाल हरे रंग में ना बांटों हमको
मेरे छत पर एक तिरंगा रहने दो !
भारत माँ की जय कहना अपना सोभाग्य समझता हूँ
अपना जीना मरना अब सब तेरे नाम ऐ तिरंगा करता हूँ !
Army Desh Bhakti Shayari
जो अब तक ना खौला वो खून नही पानी हैं
जो देश के काम ना आये वो बेकार जवानी हैं !
बस ये बात हवाओं को बताये रखना
रौशनी होगी चिरागों को जलाये रखना
लहू देकर जिसकी हिफाज़त की शहीदों ने
उस तिरंगे को सदा दिल में बसाये रखना !
न झुकने देना कभी इसके मान को
न मिटने देना कभी इसकी शान को
चाहे कुर्बान करनी पड़े जान को
अपने सीने से इसको लगाए रखना
ये तिरंगा यूं ही उठाये रखना !
सरहद तुम्हें पुकारे तुम्हें आना ही होगा
कर्ज अपनी मिट्टी का चुकाना ही होगा
दे करके कुर्बानी अपने जिस्मो-जां की
तुम्हे मिटना भी होगा मिटाना भी होगा !
लिख रहा हूँ मैं अंजाम जिसका कल आगाज आएगा
मेरे लहू का हर एक कतरा इंकलाब लाएगा !
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Desh Bhakti Shayari in Hindi
न पूछो ज़माने को क्या हमारी कहानी है
हमारी पहचान तो सिर्फ ये है कि हम सिर्फ
हिन्दुस्तानी हैं !
वतन की मोहब्बत में खुद को तपाये बैठे है
मरेंगे वतन के लिए शर्त मौत से लगाये बैठे है !
मर मिटेंगे हम अपने वतन के लिए
जान कुर्बान है प्यारे चमन के लिए
हमसे हमारी अब हसरत न पूछो
बाँध रखा सर पे तिरंगा कफ़न के लिए !
कुछ नशा तिरंगे की आन का है
कुछ नशा मातृभूमि की मान का है
हम लहरायेंगे हर जगह ये तिरंगा
नशा ये हिन्दुस्तान की शान का है !
अपनी आजादी को हम हरगिज मिटा सकते नही
सर कटा सकते हैं लेकिन सर झुका सकते नही !
Desh Bhakti Shayari 2 Line
चाहता हूँ कोई नेक काम हो जाए
मेरी हर साँस देश के नाम हो जाए !
कोई और आरज़ू नहीं, है आरज़ू तो ये है
रख दे कोई जरा सी खाक-ए-वतन कफन में !
देश के लिए मर मिटना कुबूल है हमें
अखंड भारत के सपने का जूनून है हमें !
जो फूल था कभी अब अंगारा हो गया
ये दुश्मन तेरे खातिर गर्म लहू हमारा हो गया है !
आन देश की ,शान देश की, देश की हम संतान हैं
तीन रंगों से रंगा तीरंगा, अपनी यही पहचान है !
Shayari Desh Bhakti
जाँ से प्यार वतन है हमारा
हम तो इसके पहरेदार रहेंगे
सौ जनम भी लुटा दें इसके लिए
तब भी हम इसके कर्जदार रहेंगे !
सुना है, कुछ नक्कार
हमारी वीरता का सबूत मांगते है।
ज़रा भेजो तो उन्हें सरहद पर
सिरफिरे खुद के लिए ताबूत माँगते है !
देशभक्तों से ही देश की शान है
देशभक्तों से ही देश का मान है
हम उस देश के फूल हैं यारों
जिस देश का नाम हिंदुस्तान है !
ना जियो धर्म के नाम पर ना मरो धर्म के नाम पर
इंसानियत ही है धर्म वतन का बस जियो वतन के नाम पर !
आज के दिन उस मंज़र को याद करे
शहीदो की देश भक्ति को याद करे
जब मिली थी आजादी हमको खून के बदले
आओ उन देश प्रेमियो को याद करे !
Dard Desh Bhakti Shayari
हिमालय से उंचा रहे सर इसका हमने दिल में ठाना है
रंग दो बसंती चोला मेरा हमको सरहद पर जाना है
कोई नजर न इसकी और उठे ऐसे पहरेदारी हो
दुश्मन की छाती पर तिरंगा फिर से लहराना है !
भारत का वीर जवान हूँ मैं
ना हिन्दू ना मुसलमान हूँ मैं
जख्मो से भरा सीना है मगर
दुश्मन के लिए चट्टान हूँ मैं
भारत का वीर जवान हूँ मैं !
ना दौलत ना दे शोहरत कोई सिकवा नहीं
बस भारत माँ की संतान बना देना
हो जाऊ सहीद तो बस तिरंगे में लिपटा देना !
इस देश के लिए शहीद होना कबूल है मुझे
क्योंकि अखंड भारत बनाने का जूनून है मुझे !
इस वतन के रखवाले हैं हम शेर ए जिगर वाले है हम
मौत से हम नही डरते मौत को बाँहों में पाले है हम !
Desh Bhakti Par Shayari
हर वक़्त मेरी आँखो मे मातृभूमि का सपना हो
जब कभी मरू तो तिरंगा मेरा कफ़न हो
और कोई तमन्ना नही है जीवन मे
जब कभी भी जन्म लू तो भारत मेरा वतन हो !
दे सलामी इस तिरंगे को जिस से तेरी शान है
सर हमेशा ऊँचा रखना इसका जब तक दिल में जान है !
आजादी की कभी शाम ना होंगे देंगे
शहीदों की कुर्बानी बदनाम ना होने देंगे
बची है लहू की एक बूँद भी रगों में
तब तक भारत माता का आँचल नीलाम ना होने !
कतरा-कतरा मेरे लहू का इस वतन के काम आएगा
मेरे जाने के बाद भी तिरंगा हिमालय पर ऐसे मुस्कराएगा !
सींच दू खून से अगर इस चमन के काम आए
काश मेरा लहू भी मेरे वतन के काम आए
न जाने कौनसी घडी आख़री हो हमारी
ये तन मन धन फिर वतन के कामाआए !
Shayari on Desh Bhakti
सलाम है तिरंगे को जिसमें मेरे देश की शान है
ऊंचा रहेगा तिरंगा जब तक मेरे कतरे कतरे में जान है !
बलिदानों की ज्वाला जलाए रखना
लहराता तिरंगा यूं ही उठाये रखना
जान जाए तो जाये कोई गम नहीं
देश पर कुर्बानियों का मातम न कर
मौत के बाद भी खुद को मुस्कराए रखना !
मुझे न तन चाहिए, न धन चाहिए
बस अमन से भरा यह वतन चाहिए
जब तक जिंदा रहूँ, इस मातृ-भूमि के लिए
और जब मरुँ तो तिरंगा कफ़न चाहिये !
चीर के बहा दूं लहू दुश्मन के सीने का
यही तो मजा है फौजी होकर जीने का !
तिरंगा है आन मेरी तिरंगा ही है शान मेरी
तिरंगा रहे सदा ऊँचा हमारा तिरंगे से है
धरती महान मेरी !
Desh Bhakti Shayari Attitude
चाहे जान की बाजी लगा देंगे हम
दुश्मनों को वतन से मिटा देंगे हम
है कसम इस तिरंगे की वतन के लिए
ये तिरंगा उनके सीने पर लहरा देंगे हम !
ना सरकार मेरी है न रौब मेरा है
ना बड़ा सा नाम मेरा है
मुझे तो एक छोटी सी बात का गौरव है
में हिंदुस्तान का हूँ और हिंदुस्तान मेरा है !
मैं इसका हनुमान हूँ ये देश मेरा राम है
चीर के देख लो सीना मेरा इसमें हिंदुस्तान है !
इश्क तो करता है हर कोई
महबूब पर मरता है हर कोई
कभी वतन को महबूब बना कर देखो
तुझ पर मरेगा हर कोई !
हमे नशा तिरंगें कीं आंन का हे
कुछ नशाँ मातृभूमि कीं शांन का हे
लहरायेगें यें तिरंगां
नशा ये भारत माँ के शांन का हे !
Desh Bhakti Shayari 26 January
भारत मां, तेरी रक्षा के खातिर अपने प्राण लुटाएंगे
आएगा जो दुश्मन सामने, मिट्टी में उसको मिलाएंगे !
आज सलाम है उन वीरों को
जिनके कारण ये दिन आता है
वो माँ भी खुशनसीब होती है
बलिदान जिसके बच्चों का देश के काम आता है !
छोड़ो कल की बातें कल की बात पुरानी
नए दौर में लिखेंगे मिल कर नयी कहानी
हम हिंदुस्तानी !
खून से खेलेंगे होली अगर वतन मुश्किल में है
सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है !
अनेकता में एकता ही इस देश की शान है
इसीलिए मेरा भारत महान है !
Emotional Attitude Desh Bhakti Shayari in Hindi
जिंदगी जब तुझको समझा मौत फिर क्या चीज है
ऐ वतन तू ही बता तुझसे बड़ी क्या चीज है !
आओ झुक कर सलाम करें उनको
जिनकी तकदीर में ये मुकाम आता है
खुश नसीब होते हैं वो लोग
जिनका लहू वतन के काम आता है !
हम पहरेदार हैं इसके, हम इसके रखवाले हैं
प्यारे वतन के खातिर हम जाँ भी लुटाने वाले हैं
इसकी हमको हर एक बात निराली लगती है
सौ जीवन कुर्बान हैं इसपर, हम ऐसे मतवाले हैं !
छोड़ कर अपने सपनों को, सरहद पर जवानी लुटाई है
मातृभूमि तेरे रखवालों ने, कितनी गोलियां सीने पर खाई हैं !
भारत के ऐ सपूतो हिम्मत दिखाए जाओ
दुनिया के दिल पे अपना सिक्का बिठाए जाओ !