Best 170+ Matlabi Shayari in Hindi 2025
माटलबी शायरी, जिसे हम आत्महित की कविताई के रूप में भी देख सकते हैं, उस कला का एक अद्भुत नज़रिया प्रस्तुत करती है जिसमें सच्चाई, मजबूरी और अक्सर गहरे विचारों का समावेश होता है। इस प्रकार की शायरी में शब्दों का चयन और भावनाओं का प्रवाह व्यक्ति के अंतर्मन की गहराई को छूता है। मातलबी शायरी में व्यक्ति के अपने स्वार्थ और संबंधों की जटिलता को रचनात्मकता के साथ व्यक्त किया जाता है।
यह शायरी जीवन की विषमताओं, प्रेम के जज्बातों और मानव स्वभाव की कलात्मक व्याख्या करती है, जो न केवल पाठक को आकर्षित करती है, बल्कि उन्हें अपने अहसासों के साथ जोड़ने की कोशिश भी करती है। आइए, कुछ ऐसी मातलबी शायरी के बोलों का आनंद लेते हैं जो हमें जीवन की कठोर सच्चाइयों और नैतिकता के बीच के जंजाल में ले जाती हैं।
Matlabi Shayari
बड़े शौक से ग़म को सुनती है ये दुनिया
कोई ग़म में हो तो मुँह फेर लेती है ये दुनिया !!
वक्त कहाँ है किसी के पास
जब तक कोई मतलब न हो खास !!
मतलबी इस दुनिया के अजब होते कायदे
हो नुकसान किसी का भी देखे जाते खुद के फायदे !!
मतलबी दुनिया में मतलब एक अफ़साने हैं
ज़रूरत पड़े तो लोगों के पास सिर्फ़ बहाने हैं !!
जब मतलब खत्म हुआ तो सबने मुंह मोड़ा
इस मतलबी संसार में बस खुदगर्जी ने जोड़ा !!
Rishte Matlabi Shayari
रिश्तों पर रुपयों की किश्ते जोड़ देते हैं
खाली हो जेब तो अपने हर रिश्तें तोड़ देते हैं !!
पक्के रिश्ते तो बचपन में बनते थे
अब तो लोग बात भी मतलब से करते हैं !!
मतलब बड़े भारी होते हैं निकलते ही
रिश्तों का वज़न कम कर देते हैं !!
बड़े वफादार है आजकल के रिश्ते
याद हम ना करे तो वो कोशिश भी नहीं करते !!
रिश्तों को खुदगर्जियो से तोला हे कुछ लोगो ने
अब कोई हाल भी पूछे तो मतलब नज़र आता है !!
Matlabi Log Shayari
मतलबी जमाना है नफरतों का कहर है
ये दुनिया दिखाती शहद है पिलाती जहर है !!
मतलबी लोग कुछ ऐसा हुनर रखते हैं
दिल में जहर और जुबान में रस रखते हैं !!
अपनापन तो हर कोई दिखता है
पर असल मैं अपना कौन है
ये वक्त बताता है !!
दिल में आग और हाथ में गुलाब रखते हैं
यहाँ सब अपने चेहरे पर एक नकाब रखते हैं !!
दिलों मे मतलब और जुबान से प्यार करते हैं
बहुत से लोग दुनिया मे यही कारोबार करते हैं !!
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Matlabi Duniya Shayari
इस दुनिया की एक ही रीत है
जिससे मतलब उसी से प्रीत है !!
मतलबी निकली दुनिया जिसे मैं देर से जान पाया
कमजोरी थी मेरी सभी को अपना कहता चला आया !!
जमाना सिर्फ मतलब का रह गया है जनाब
यहां कद्र रिश्तों की नहीं मतलब की होने लगी है !!
मतलबी दुनिया का किस्सा बड़ा पुराना है
यह हर शख्स खूबसूरत चीजों के पीछे दीवाना है !!
मेरी दुनिया का हर शख्स मतलबी निकला
घर एक आईना था बस वही वफादार निकला !!
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Matlabi Paise Ki Duniya Hai Shayari
हमने पैसों से इन्हें आज़माया है
सब साथ छोड़ गए तब से
जब से खुद को गरीब बताया है !!
जब तक पास पैसा है तब तक ही
लोग पूछते है हाल कैसा है !!
अंधा प्यार तो एक ज़माने में हुआ करता था
आजकल तो प्यार पैसा देखकर होता है !!
जब तक पैसा है तेरे पास
तब तक मतलबी लोगों का है तू खास !!
जब तक पैसा मेरे पास रहा तब तक मैं सबका बाप रहा
जब हो गई जेब खाली तो तू कौन है यह सबने कहा !!
Rishte Dhoka Rishte Matlabi Shayari
रिश्तों को खुदगर्जियो से तोला हे कुछ लोगो ने
अब कोई हाल भी पूछे तो मतलब नज़र आता है !!
जिनकी दुआ किया करते थे रोज हजारों में
वहीं बेचते थे रिश्ते हर रोज बाजारों में !!
अब न कोई उम्मीद है न किसीसे शिकवा है
जब अपने लोगों को भी मतलबी बनते देखा है !!
अपनों के साथ वक़्त का पता ही नहीं चलता
पर वक़्त के साथ अपनों का पता चल जाता है !!
मेरी जेब में ज़रा सा छेद क्या हो गया
सिक्के से ज़्यादा तो रिश्ते गिर गए !!
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Matlabi Shayari in Hindi
कभी मतलब के लिए तो कभी बस मनोरंजन के लिए
हर कोई प्यार ढूंढ रहा है यहाँ ज़िन्दगी के लिये !!
दुनिया का पहला उसूल है, जब तक काम है
तब तक राम राम है उसके बाद न दुआ न सलाम है !!
बिना मतलब के कोई मुझे ढुंढे शायद
ऐसा कोई इंसान ही नहीं है !!
वाकिफ हैं हम दुनिया के रिवाजों से
मतलब निकल जाए तो हर कोई भुला देता है !!
वाकिफ हैं हम दुनिया के रिवाजो से
मतलब निकल जाये तो हर कोई भुला देता हैं !!
Matlabi Logo Ke Liye Shayari
दो चेहरों का बोझ न उठाया कीजिये
दिल न मिले तो हाथ भी न मिलाया कीजिये !!
अगर मिलना ही है तो क़द्र करने वालो से मिलो
मतलबी लोग तो खुद तुमसे मिलने आएंगे !!
अगर रखना ही है कदम तो आगे रख
पीछे खींचने के लिए लोग हैं !!
जिसको आ गया है कठिनाइयों में मुस्कुराना
भला उसका क्या ही बिगाड़ेगा मतलबी जमाना !!
जिनको कभी हमने चलना सिखाया था
आज वही हमारे पैर काट रहे हैं !!
Dard Matlabi Shayari
जिसे हमने अपना खुदा माना वो ही
बड़ा मतलबी और खुदगर्ज निकला !!
ये संग दिलो की दुनिया है यहाँ संभल के चलना दोस्त
यहाँ पलकों पर बिठाया जाता है नजरो से गिराने के लिए !!
किसी ने धुल क्या झोंकी मेरी आँखों में
उनके चेहरे पहले से बेहतर नजर आने लगे !!
कैसे भरोसा करू गैरों के प्यार पर
यहाँ अपने ही मजा लेते हैं अपनों की हार पर !!
पहले जैसा रंग नही अब जीवन की रंगोली में
ना जाने कितना ज़हर भरा है लोगो की बोली में !!
Dhoka Dard Matlabi Shayari
इस मतलबी दुनिया में इश्क सिर्फ दिखावा है
तुझे भी धोखा मिलेगा ये मेरा दावा है !!
मेरे अपनों ने धक्का मारा, मुझे डुबोने के लिए
फायदा यह हुआ साहब, मैं तैरना सीख गया !!
नादान था दिल मेरा, इसलिए उसे भी नादान समझ लिया
वो तो इंसानी भेष में एक मतलबी शैतान था !!
पराये लोग वफादार नहीं तो क्या हुआ
धोखेबाज लोग भी तो अपने ही होते हैं !!
एक बात तो हम अच्छे से जान गए अब
की हर रिश्ते का मतलब बस मतलब ही होता है !!
Sad Matlabi Shayari
बड़े शौक से ग़म को सुनती है ये दुनिया
कोई ग़म में हो तो मुँह फेर लेती है ये दुनिया !!
हारा हुआ सा लगता है वजूद मेरा
हर एक ने लूटा है दिल का वास्ता देकर !!
मतलब पूरा होने के बाद लोग
बोलना तो दूर, देखना भी छोड़ देते हैं !!
मानता था मैं दुनिया के लिए कीमती होगा प्यार
वहम था मेरा मतलबी निकला यह सारा संसार !!
उनका मतलबी होना भी पसंद है हमें
मतलब से ही सही याद तो करते हैं हमें !!
Matlabi Dost Shayari
विश्वास किस पे करूं इस मतलबी दुनिया में
अब तो दोस्त भी मतलबी होने लगे हैं !!
काम आए ना मुश्किल में कोई यहां
मतलबी दोस्त हैं मतलबी यार हैं !!
एक बार को यह जिंदगी अधूरी अच्छी है
इन मतलब के दोस्तों से तो दूरी अच्छी है !!
इस दिल के हाथों होकर मजबूर मौका दे देते हैं
दिल में रहने वाले दोस्त तभी तो धोखा देते हैं !!
निबाह रहे हैं सब यहाँ अपने मतलब की यारियां
मोहब्बत दिल से हो भी तो कैसे हो भला !!
Matlabi Dost Shayari in English
Jisko Hum Apna Jigri Yaar Manate Hain
Vo Sirf Humko Apne Matlab Ke Liye Pehchante Hain.
Sab Matlab Ki Yaari Hai.
Yahi Duniya Ki Sabse Badi Beemaari Hai.
Bura Waqt Aaya to Kamiyaan Gina Rahe Hain
Mere Dost Ab Mujhe Dosti Ka Matlab Samajh Rahe Hain.
Pehle Sham Nikalti Thi Sath Baith Kar
Ab Kaam Nikalte Hain Sath Baith Kar.
Meri Dosti Ka Unho ne Mujhe Acha Sila Diya
Mere Bure Waqt Mein Har Kisi Ne Mujhe Bhula Diya.
Matlabi Shayari in English
Kharch Kar Diya Khud Ko Kuch Matlabi Logo Par
Jo Hamesha Mere Sath the Sirf Matlab Ke Liye.
Bina Matlab Ke Is Duniya Mein
Koi Kisi Ka Bhala Nahi Karta.
Pehle Log Dil Se Baat Karate the
Ab Log Matlab Se Baat Karte Hain.
Hai Matlab Jahan Tak
Log Sath Dete Hain Sirf Wahan Tak.
Yeh Matlab Ki Duniya Hai Yahan Sunta Nahi Fariyaad Koi
Hanstey Hain Sab Log Jab Hota Hai Barbaad Koi.